श्रमिक के मौत के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने डीजीपी गोवा को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दिया सख्त आदेश




 गोवा में बिहार निवासी युवक की मौत के सिसिले में तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। 26/ 26 जून की रात दक्षिण गोवा जिले के लाटोलियम में  सड़क किनारे बिहार निवासी एक युवक का शव पाया गया।

 मामला प्रकाश में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन  योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने आयोग में शिकायत भेजकर दोषियों के ऊपर कठोरतम करवाई करने एवं मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया था। 

योगी ने  बिहार निवासी 32 वर्षीय मजदूर कन्हैया कुमार मंडल की संदिग्ध मृत्यु का मुद्दा उठाया है, जिसका शव 25/26 जून, 2024 (मृत्यु तिथि 25.06.2024) की मध्यरात्रि को दक्षिण गोवा में लाटोलिम रोड पर मिला था। 

 बताया गया है कि मृतक को पोंडा पुलिस स्टेशन के कुछ पुलिस अधिकारियों ने किसी मामूली बात पर गिरफ्तार किया था, और बाद में उसे उस थाने के अधिकार क्षेत्र से बाहर छोड़ दिया गया जहाँ उसे गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि एक ट्रक ने पीड़ित को कुचल दिया और उसकी मौत हो गई, लेकिन पुलिस रिपोर्ट से पता चला कि उसकी मौत दुर्घटना से 12 घंटे पहले हुई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। योगी ने आरोप लगाया है कि पुलिस भी हिंदी भाषी लोगों को निशाना बना रही है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जाँच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तथा मृतक के परिवार को मुआवजा देने की माँग की है।

 दिनांक 29.01.2025 की कार्यवाही के तहत, संबंधित प्राधिकारियों से प्राप्त रिपोर्टों/अभिलेखों के विश्लेषण हेतु मामला जाँच प्रभाग को भेज दिया गया है और जाँच प्रभाग ने विश्लेषण के बाद निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले हैं:-

“…उपर्युक्त तथ्यों के मद्देनजर, आयोग को कृपया रजिस्ट्री को संबंधित प्राधिकारियों से निम्नलिखित रिपोर्ट, दस्तावेज/सूचना प्राप्त करने का निर्देश देने की अनुशंसा की जाती है:-

i) थाना पोंडा के दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध की जा रही विभागीय जाँच के परिणाम मँगवाने हेतु। आरोप-पत्र/कार्यवाही की प्रतियाँ भी उपलब्ध कराई जाएँ।

ii) मृतक का गिरफ्तारी ज्ञापन, गिरफ्तारी ज्ञापन, थाना पोंडा की संबंधित जीडी प्रविष्टियाँ, 25/06/2024 को थाना पोंडा द्वारा मृतक की गिरफ्तारी/हिरासत का विवरण, थाना पोंडा में मृतक के विरुद्ध दर्ज मामले की प्रति, थाने से रिहाई के बाद मृतक को उसके परिजनों को सौंपने का विवरण और थाना पोंडा की संबंधित सीसीटीवी रिकॉर्डिंग मँगवाने हेतु…”

आयोग ने की गई रिपोर्टों का विश्लेषण किया है।  जांच प्रभाग द्वारा की गई अनुशंसा का अध्ययन किया गया है और अभिलेखों/रिपोर्टों में प्रस्तुत अन्य प्रासंगिक सामग्रियों पर भी विचार किया गया है। यह पाया गया है कि महानिदेशक (जांच) द्वारा उल्लिखित अपेक्षित रिपोर्ट/स्पष्टीकरण मामले को तार्किक रूप से निष्कर्ष पर पहुँचाने के लिए जांच प्रभाग को प्रस्तुत नहीं किए गए हैं।

उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, नीचे उल्लिखित रिपोर्ट/स्पष्टीकरण:

i) थाना पोंडा के दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध की जा रही विभागीय जाँच के परिणाम मांगे जाएँ। आरोप-पत्र/कार्यवाही की प्रतियाँ भी उपलब्ध कराई जाएँ।

ii) मृतक का गिरफ्तारी ज्ञापन, गिरफ्तारी ज्ञापन, थाना पोंडा की प्रासंगिक जीडी प्रविष्टियाँ, 25/06/2024 को थाना पोंडा द्वारा मृतक की गिरफ्तारी/हिरासत का विवरण, थाना पोंडा में मृतक के विरुद्ध दर्ज मामले की प्रति, थाने से रिहाई के बाद मृतक को उसके परिजनों को सौंपने का विवरण और थाना पोंडा की प्रासंगिक सीसीटीवी रिकॉर्डिंग मँगवाई जाएँ।

 गोवा के पुलिस महानिदेशक से छह सप्ताह के भीतर आवश्यक रूप से अनुरोध किया जाए, अन्यथा यह आयोग लोक स्वास्थ्य अधिनियम, 1993 की धारा 13 के अंतर्गत अपनी दंडात्मक शक्तियों का प्रयोग करने के लिए बाध्य होगा।

*मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, आयोग गोवा सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश देता है कि वे एफआईआर संख्या 55/2024, पीएस मैना कोर्टोरिम की जाँच पुलिस अधीक्षक के पद से कम न हो, किसी अधिकारी की देखरेख में सीबी/सीआईडी को हस्तांतरित करें। अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे समयबद्ध तरीके से, अधिमानतः 10 सप्ताह के भीतर, आयोग को स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।*

2.    आयोग ने अतिरिक्त/पूर्ण रिपोर्ट  27/10/2025 तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।