डीएम वाराणसी को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने किया तलब



वाराणसी (यूपी)

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने डीएम वाराणसी को सूचना उपलब्ध न कराए जाने का दोषी पाए जाने पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए सशर्त समन जारी करते हुए आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है। मामला वाराणसी के पिंडरा तहसील क्षेत्र के कारखियाँव गांव का है। गांव की बुजुर्ग महिला लालमुनि तथा उसके पति अब्बास ने अपने पट्टे की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर डीएम और एस डीएम को प्रार्थना पत्र देकर न्याय गुहार लगाई थी। बुजुर्ग का कहना था कि कई वर्षों से हम जिस जमीन पर खेती कर रहे थे वहां लेखपाल द्वारा हमारी जमीन को जबरजस्ती दूसरे व्यक्ति को कब्जा कराकर रजिस्ट्री करवा रहा है।

करिखियांव ग्राम सभा में आराजी नंबर 1789 (क) गरीबों को सरकार द्वारा खेती एवं जीवन यापन के लिए दिया गया था, लेकिन जब से इंडस्ट्रीज आई है तब से जमीन की कीमत में उछाल आगया है। इसी कारण राजस्व विभाग की मिली भगत से गरीबों की जमीन पर जबरजस्ती कब्जा किया जा रहा है।

प्रकरण संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए आयोग में शिकायत भेज कर अनुरोध किया था।

आयोग ने दिनांक 08/10/2024 को मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम को आरोपों की जांच कर छह सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। बावजूद आयोग को कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। 
आयोग ने डीएम को 22/01/2025 को रिमाइंडर जारी किया इसके बावजूद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

आयोग ने दिनांक 07/07/2025 को मामले पर सुनवाई करते हुए सख्त लहजे में कहा कि ऐसी विकट परिस्थितियों में आयोग के पास मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 13 को लागू करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है। आयोग ने मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 13 के अंतर्गत जिला मजिस्ट्रेड वाराणसी को सशर्त समन जारी करते हुए 11/08/2025 को पूर्वाह्न 11:00 बजे  अपेक्षित कार्रवाई रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
 आयोग ने कहा है कि यदि अपेक्षित रिपोर्ट निर्धारित तिथि से एक सप्ताह पूर्व आयोग को प्राप्त हो जाती है तो जिला मजिस्ट्रेड  की  व्यक्तिगत उपस्थिति समाप्त कर दी जाएगी। आयोग ने मामले पर सुनवाई करते हुए सख्त लहजे में यह भी कहा है कि  यदि जिला मजिस्ट्रेड वाराणसी बिना किसी वैध बहाने के आयोग के आदेश को पालन करने में  विफल रहते है तो जिला मजिस्ट्रेड वाराणसी सिविल प्रक्रिया संहिता,1908  के आदेश XVI के नियम  10 और नियम 12 में निर्धारित गैर- हाजिरी के परिणामों के अधीन होंगे, जिसमें गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी करना भी शामिल है।