राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के निर्देश पर हुई कार्यवाही
मानवाधिकार सी डब्लू ए ने एनआरसी में की थी शिकायत
मृतक के पत्नी को मिला मुआवजा पेंशन भी हुई जारी
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
MSP उद्योग में सुरक्षा मानकों की अनदेखी एवं लापरवाही क्रेन आपरेटर के लिए जानलेवा साबित हुई। लापरवाही ऐसी की ऑपरेटर की आग में जलकर दर्दनाक मौत हो गई। पूरा मामला रायगढ़ जामगांव स्थित एमएसपी स्टील एवं पॉवर लिमिटेड में 27 अगस्त को भयंकर हादसा घटित हुई। जिसमें 26 वर्षीय क्रेन ऑपरेटर मोहम्मद कमरे आलम की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब वह एसएमएस यूनिट में प्रोडक्शन मैटेरियल से ट्राली को लोड कर रहा था। तभी अचानक ट्राली टूट गई और गर्म मैटेरियल क्रेन पर गिर पड़ा जिससे क्रेन में आग लग गई। आग देखकर मृतक जान बचाने के प्रयास में क्रेन से छलांग लगाई लेकिन वह गर्म राख में गिर गया। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई।
मानवाधिकार सी डब्लू ए ने मामले को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेते हुए आयोग में शिकायत भेजकर गंभीर आरोप लगाया कि औद्योगिक इकाइयों द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने के कारण ऐसी दुर्घटनाएं होती है। ह्यूमन राइट सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने मामले की निष्पक्ष जांच करने और एमएसपी औद्योगिक इकाई के दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
आयोग के निर्देश के अनुपालन में श्रम आयुक्त सह मुख्य कारखाना निरीक्षक छत्तीसगढ़ रायपुर से दिनांक 20/11/2024 को एक रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें प्रस्तुत किया गया कि घटना 27/08/2024 को मेसर्स एमएसपी स्टील एंड पावर लिमिटेड जामगांव रायगढ़ के परिसर में घटित हुई। जिसमें श्रमिक/ क्रेन आपरेटर मोहम्मद कामरे की मौत हो गई।
विभाग द्वारा कारखाना अधिनियम 1948 के तहत 28/08/2024 को जांच की गई और दिनांक 29/08/2024 के आदेश के तहत लेडल ट्रांसफर ट्रॉली के उपयोग के तहत कारखाने के मालिक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और दिनांक 05/11/2024 को श्रम न्यायालय रायगढ़ में कारखाने के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
श्रम आयुक्त छत्तीसगढ़ द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से पता चला कि मृतक के पत्नी को मुआवजा के तौर पर 20,000/ दाह संस्कार के लिए एवं पैक्ट्री प्रबंधक द्वारा 5,50,000/नकद और 3,00,000/आनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से भुगतान किया गया। मृतक कर्मचारी ESIC और EPFO के तहत ESIC नंबर 5916328692 और UN नंबर 101093872685 के साथ पंजीकृत था। ESIC/EPFO नियमों के अनुसार पेंशन तय की जाएगी।
मृतक की पत्नी को कुल मिलकर 8,70,000/ (आठ लाख सत्तर हजार ) रूपये की मौद्रिक राहत प्रदान की गई।
आयोग की सख्ती के बाद मृतक की पत्नी को पेंशन के रूप 10,000/ रुपए प्रति माह की दर से भुगतान किया जा रहा है। अब तक 40,000/ का भुगतान किया जा चुका है।