राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के निर्देश पर मिला मुआवजा

करंट से हुई थी मौत,राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के निर्देश पर मिला मुववजा
मानवाधिकार सी डब्लू ए की शिकायत पर मिला मुआवजा

मस्जिद का पेंट करते समय करंट की चपेट में आया था मजदूर

आजमगढ़ (यूपी)

जीयनपुर कोतवाली के भोजवर गांव की मस्जिद में  पेंटिंग का कार्य करते समय करंट की चपेट में आने से खिल्लुपटी गांव निवासी विनय यादव की दर्दनाक मौत हो है थी।


प्रकरण संज्ञान में आने के बाद मानवाधियार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने मामले को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भेजकर मृतक के परिवार को उचित मुवावाजा प्रदान करने के लिए अनुरोध किया था।


आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए 20/11/2024 को मामले पर विचार किया। आयोग ने अपने निर्देश में कहा कि 22 वर्षीय युवक को करंट लगने से मौत हो गई। वह मस्जिद की दीवारों पर पेंटिंग कर रहा था, तभी वह लटकते बिजली के तार के संपर्क में आ गया। आयोग ने कार्यवाही दिनांक 23/02/2024 के तहत  कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। आयोग ने पुलिस रिपोर्ट का अवलोकन और विचार किया। पुलिस रिपोर्ट और निदेशक विद्युत सुरक्षा  उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अग्रेषित विद्युत निरीक्षक की धारा 161 विद्युत अधिनियम के तहत रिपोर्ट के अवलोकन से रिकार्ड पर यह स्थापित होता है कि मृतक विनय यादव की मृत्यु बिजली का करंट लगने से हुई थी। 
विद्युत सुरक्षा निदेशक की रिपोर्ट के अनुसार मृतक की मौत मस्जिद के ऊपर से गुजर रही 11 केवी एलटी लाइन के संपर्क में आने से हुई। रिपोर्ट से यह भी पता चला कि कंक्रीट की सड़क के निर्माण के कारण एलटी लाइन की दूरी 11 फीट रह गई थी। धारा 161 के तहत रिपोर्ट में यह भी बताया गया था की एल टी लाइन कई साल से पुरानी थी और उसकी हालत खस्ता थी।
 विद्युत निरीक्षक ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि उन्होंने भारतीय विद्युत नियम,1956 के नियम 29 और नियम 77 (1)(ए) का उलंघन किया था। 63.650 बोल्ट से अधिक बोल्टेज की लाइनों की इमारतों से निकासी जहां तक संभव हो ओभरहेड लाइन किसी मौजूदा ओभरहेड लाइन के नीचे  कोई इमारत नहीं बनाई जाएगी। इसलिए आयोग संतुष्ट है कि मानवाधिकारो के उलंघन को रोकने में पूर्वांचल वितरण निगम लिमिटेड और उत्तर प्रदेश राज्य के उर्ज विभाग की ओर से लापरवाही हुई थी। यह पीड़ित मृतक के मौलिक अधिकारों के उलंघन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा गारंटीकृत उसके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मानवाधिकार के उलंघन का एक स्थापित मामला है, जिसके लिए राज्य सरकार उत्तरदाई है। इस लिए आयोग मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 18 के तहत कारण बताओ  नोटिस जारी करते हुए आयोग ने मृतक विनय कुमार यादव के रिश्तेदार को 5.00.000/(पांच लाख) रुपए देने का निर्देश दिया।

चीफ स्क्रेटरी उत्तर प्रदेश सरकार को   सशर्त सम्मन जारी करने के अनुसरण महाप्रबंधक (कार्मिक) यूपीपीसीएल ने दिनांक 09/11/2024 को रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमे यह प्रस्तुत किया गया कि दिनांक 06/11/2024 के आदेश के तहत 5,98,000/ (पांच लाख अट्ठानवे हजार) रूपये की मुआवजा धनराशि स्वीकृत की गई तथा उसे आरटीजीएस के माध्यम से 08/11/2024 को मृतक के मां के खाते में जमा कर दिया गया।