बिहार कैमूर जिले के भगवानपुर पुलिस की एक शर्मनाक घटना सामने आई है। सर्प दंश से पीड़ित व्यक्ति गिड़गिड़ाता रहा मगर पुलिस के द्वारा पैसा वसूली के चक्कर में पीड़ित को दो घंटे तक पुलिस वाहन में बैठकर घुमाया जाता रहा। पैसा वसूली के बाद सर्प दंश से पीड़ित को छोड़ा गया। चिकित्सर देरी के कारण युवक की स्थिति बिगड़ गई। और इलाज के दौरान मौत हो गई।
मामला प्रकाश में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने प्रकरण की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भेजकर मृतक के परिवार को उचित मुवावजा और दोषी पुलिस कर्मियों के ऊपर कठोरतम कार्यवाही करने का अनुरोध किया था।
आयोग ने जारी किया नोटिस
वही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए बिहार सरकार के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में पुलिस जांच की स्थिति के साथ - साथ दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी भी शामिल होना अपेक्षित है। अयोग ने जिलाधिकारी से मृतक परिवार को दिए गए मुवावजे के बारे में भी जानकारी मांगी है।उक्त पुरे मामले में आयोग ने विचार करतें हुए कहा है कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह पुलिस कर्मियों द्वारा शक्ति के दुरुपयोग के कारण पीड़ित के मानव अधिकारों के उलंघन का गंभीर मुद्दा है। जिन्हे व्यक्ति को उसकी जान बचाने के लिएं तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए था।
जाने क्या था मामला
27 सितंबर 2024 को मीडिया में आई खबर के अनुसार 26/ 09/2024 की रात राम लखन बिंद निवासी निबिया टांड़ भगवानपुर जिला कैमूर जब वह खेत में सिंचाई कर रहा था, तो उसे साप ने काट लिया। इसके बाद वह बेचैनी की हालत में खेतो से अपने गांव की ओर भागने लगा। इसी दौरान गश्त कर रही भगवानपुर पुलिस ने उसे रोककर पूछताछ शुरू कर दी। सर्प दंश से पीड़ित राम लखन बंद निवासी निबिया टांड़ ने बताया की उसे सर्प ने डस लिया है। इस लिए घर भाग रहा है जिससे सही समय पर उपचार हो सके। लेकिन भ्रष्ट और संवेदन हीन पुलिस कर्मियों ने उसकी एक बात न मानी और 2000/ रूपये की मांग करने लगे। पीड़ित ने पैसा न होने की बात करते हुए साप काटने बात कहकर गिड़गिड़ाता रहा बावजूद पुलिस कर्मियों ने उसे गाड़ी में बैठकर लगभग दो घंटे तक घूमते रहे।
समाचार रिपोर्ट के अनुसार पुलिस वाले उसे उसके घर ले गए लेकिन घर पर पैसे नहीं थे। इसके बाद उस व्यक्ति ने अपने बड़े भाई को फोन किया लेकिन उसके पास भी पैसे नही थे। किसी तरह 700/- रूपुएबला इंतजाम करके पुलिस वालो को दिए गए लेकिन तब तक सांप के कटने वालें व्यक्ति को इलाज करवाने में काफी समय लग गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।