पीड़ित को एक लाख रुपए का भुगतान न करने पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश को किया तलब
सोनभद्र (यूपी) कोतवाली क्षेत्र के पड़वनिया में भूत प्रेत की शक में विधवा महिला के सिर के बाल चिलवा कर चेहरे पर काजल एवं चुना पोतकर और जूता चप्पल की माला पहनाकर गांव में दबंगों ने घुमाया था। जो मानवाधिकार का घोर उलंघन है।
मामला संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) में प्रकरण की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली में भेजकर दोषियों के खिलाफ कठोरतम करवाई करने एवं पीड़ित को मुववजा देने का अनुरोध किया किया था। मामला 2022 का है।
आयोग के निर्देश के अनुपालन में एक रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें कहा गया की शिकायतकर्ता द्वारा दी गई सूचना के आधार पर घोरावल पीएस ने आठ आरोपियों के खिलाफ धारा 147,323,504,506,500,509 आईपीसी के तहत एफआईआर के तहत एफआईआर संख्या 154/2022 दर्ज किया। आरोपी दानिया पत्नी मकोड़ी और एक अन्य भूत भगाने वाले उदय राज के संबंध में, पुलिस ने 31/07/2022 को धारा 151,107,116 सीआरपीसी के तहत निवारक करवाई की अन्य 11नामित अभियुक्त को धारा 41 (ए) सीआरपीसी के तहत नोटिस दिया गया।
अयोग ने मामले पर अवलोकन करते हुए अपने निर्देश में कहा कि अपराध की अपमान जनक और अघात को देखते हुए आयोग ने मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर यह बताने को कहा कि क्यों न मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 को धारा 18 (3)के तहत एक लाख रुपए कि तत्काल अंतरिम राहत पीड़ित को दी जाए,क्योंकि उसके मानव अधिकारों का घोर उलंघन हुआ है और ऐसी अप्रिय घटनाओं को रोकना तथा अपराध को रोकना राज्य की जिम्मेदारी है।
अयोग के निर्देश का अनुपालन करते हुए डीएम सोनभद्र और पुलिस अधीक्षक ने भी पीड़ित को अंतरिम राहत देने के लिए कोई आपत्ती नही की। वही संयुक्त सचिव उत्तर परदेश सरकार ने भी पीड़िता को एक लाख रुपए की अंतरिम मुवावजा प्रदान करने के लिए कोई आपत्ती नही की।
पिछले कार्यवाही दिनांक 16/07/2024 के तहत अयोग ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़ित (विधवा) को 1,00,000/- (एक लाख रुपए) का मुवावजा जारी करने और भुगतान के सबूत के साथ भुगतान की अनुपालन रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने के लिए अंतरिम अनुस्मारक जारी किया। बावजूद पिछली कार्यवाही दिनांक 16/07/2024 के तहत मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को अंतरिम अनुस्मारक जारी किए जाने के बावजूद भी पीड़ित विधवा को 1,00,000/- (एक लाख रूपये) का मुवावजा जारी करने और भुगतान के सबूत के साथ भुगतान की अनुपालन रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने के लिए अंतिम रिमाइंडर जारी किया गया। अयोग के अंतिम अनुस्मारक जारी करने के बावजूद भी उत्तर परदेश सरकार से अभी तक अपेक्षित अनुपालन रिपोर्ट तथा भुगतान का प्रमाण प्राप्त नही हुआ है।
परिणामस्वरूप आयोग उक्त प्राधिकारी के इस तरह के गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण सख्त कदम उठाते हुएं उतर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी को सशर्त सम्मन जारी करते हुए दिनांक 07.11.2024 को भुगतना के प्रमाण के साथ अपेक्षित अनुपालन रिपोर्ट के साथ अयोग के समक्ष उपस्थित होने का सख्त निर्देश जारी किया है। अयोग ने यह भी कहा हैं कि यदि अयोग को दिनांक 24.10.2024 को या उससे पहले भुगतान के प्रमाण ले साथ अपेक्षित अनुपालन रिपोर्ट प्राप्त होती है तो संबंधित प्राधिकारी की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाएगी।
केस नंबर- 24874/24/69/2022