भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सामुदायिक शौचालय, खुले में शौच करने को विवश ग्रामीण


चंदौली/ चाहनिया (यूपी)

जनपद में स्वस्छ भारत मिशन के तहत गांवों को ओडीएफ बनाने के लिए सरकार ने घरों के साथ ही सार्वजनिक शौचालय बनवाए है। स्वच्छता के इस मिशन पर भ्रष्टाचार रूपी कालिख पोत दी गई है। यहां तक कि कई गांवों में तो ताले ही नहीं खुले, जिससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी भी देखने को मिल रही है। कही- कही तो सामुदायिक शौचालय झाड़ झंखार से पट गया है। ग्रामीणों के शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए है। बतादे कि विकास खंड चहनिया के प्रभुपुर गांव में ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है।

 ग्रामीणों का आरोप है कि लाखों रुपए खर्च कर गांव के बाहर सामुदायिक शौचालय का लगभग छह वर्ष पहले निर्माण कराया गया, लेकिन अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की लापरवाही एवं सुस्ती के कारण आज तक ग्रामीणों को सामुदायिक शौचालय का लाभ नहीं मिला।

 सामुदायिक शौचालय की स्थिति पूर्ण रूप से जर्जर हो चुकी है। झाड़ झंकार से पट चुका है दरवाजे खिड़की प्रायः जर्जर या गायब हो चुके है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों  से शिकायत करने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। गांव के मनीष,शुभम, आरव,शशिकांत,अनुज कुमार शिवम, किशन, राजकुमार, विक्रम राम एवं पप्पू गौड़ ने जिला प्रशासन से मांग की है कि सामुदायिक शौचालय की तत्काल मरम्मत कराई जानी चाहिए।  जिससे ग्रामीणों को खुले में शौच से मुक्ति मिल सके।

सरकार ने खुले में शौच से निजाद पाने के लिए शौचालय निर्माण के लिए पानी की तरह पैसा बहाया। घर- घर शौचाल का निर्माण कराकर खुले में शौच जाने से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया वही हर गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी कराया गया जिससे लोग खुले में शौच न करे, ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की बीमार मानसिकता के चले जनपद के अधिकांश सामुदायिक शौचालय में ताले बंद है या तो झाड़ झंकार से पटे पड़े हुए है जिसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों ने अपने - अपने शौचालयों को एक कमरे की तरह प्रयोग करने लगे और उसमें उपला सहित अन्य सामान रखकर स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों पर पानी फेर दिया और खुले में शौच कर सड़क पगडंडियों को नारकीय बना दिया।