राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने डीएम मीरजापुर से करंट से हुई मौत के मामले में आठ सप्ताह के भीतर कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दिया सख्त निर्देश
आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि विद्युत विभाग की लापरवाही से मानव अधिकारों हुआ है उल्लंघ
मानवाधिकार सी डब्लू ए की शिकायत पर NHRC ने मामले का लिया संज्ञान
मिर्जापुर/राजगढ़ (यूपी) 
स्थानीय थाना क्षेत्र के तालर गांव में विद्युत विभाग की घोर लापरवाही के कारण करंट की चपेट में आने से मंजू देवी की दर्दनाक मौत हो गई थी। तालर गांव निवासी गुलाब मौर्य ने बताया कि उनके घर के पास पच्चीस केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। हाई बोल्टेज होने के कारण खंभे से लगाए गए जर्जर तार गर्म होकर जमीन पर गिर गए थे। रात्रि के समय उनकी पत्नी मंजू देवी रात्रि लगभग साढ़े दस बजे किसी काम के लिए घर से बाहर निकली और टूटे हुए तार की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौत हो गई जबकि स्थानीय निवासियों ने कई बार खराब तारों को बदलने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत की थी, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मामला संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत भेजकर मृतक के परिवार को उचित मुवावजा दिलाने का अनुरोध किया था।
आयोग ने शिकात के अवलोकन के बाद पाया कि शिकायत में लगाए गए आरोप मृतक के मानव अधिकारों का घोर उल्लंघ है। आयोग ने मामले पर गंभीर विचार करते हुए डीएम मीरजापुर और पुलिस अधीक्षक मीरजापुर को शिकायत की प्रति भेजकर आठ सप्ताह के भीतर उचित कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
आयोग ने मामले पर सुनवाई करते हुए सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि ऐसा न करने पर आयोग मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 13 के तहत बलपूर्वक कदम उठाने के लिए बाध्य होगा। साथ ही शिकात की एक प्रति चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश सरकार एवं पुलिस महानिदेशक को भी भेजी जाएगी।