चंदौली (यूपी)
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवो में बनाए गए सामुदायिक शौचालय मात्र शो पिस बनकर रह गए है। सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया कि खुले में शौच से मुक्ति मिल सके लेकिन सरकार के मंशा के विपरीत आचरण करते हुए जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया। परिणाम ये हुआ कि सामुदायिक शौचालय से दरवाजे, खिड़कियां सब गायब कर दी गई और ग्रामीण खुले में शौच करने के लिए मजबूर हो गए।
ऐसा ही मामला चहनिया विकास खंड के ग्राम प्रभुपुर से सामने आया है। गांव में बना सामुदायिक शौचालय प्रधान की लापरवाही एवं भ्रष्टाचार के कारण पूर्ण रुपए क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे ग्रामीण खुले में शौच करने के लिए मजबूर है। सामुदायिक शौचालय जिम्मेदारों की उपेक्षात्मक रवैए के कारण झाड़ झंकार एवं गंदगी से पट गया और उसका दरवाजा एवं खिड़की को अराजक तत्वों ने तोड़ कर क्षतिग्रस कर दिया।
मामला प्रकाश में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने मामले की शिकायत आयोग में भेजकर सामुदायिक शौचालय की मरम्मत कराने का अनुरोध किया था।
आयोग ने मामले का 12/09/2025 को संज्ञान लेते हुए कहा कि शिकायत में लगाए गए आरोप पीड़ितों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।