राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने फैक्ट्री में हुए विस्फोट में पांच लोगों की मौत के संबंध में चीफ सेक्रेटरी हरियाणा को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दिया निर्देश


गुरुग्राम (हरियाणा)

गुरुग्राम के दौलताबाद औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर नंबर- 6 स्थित फायर एंड पर्सनल सेफ्टी इंटरप्राइजेज फैक्ट्री में दिनांक 24/06/2024 को एक शक्तिशाली विस्फोट में पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी और आठ लोग घायल हो गए थे। आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन की घोर लापरवाही के कारण विस्फोट हुआ।
 
 21/08/2025 को इस मामले पर विचार किया गया था और आयोग ने निम्नलिखित निर्देश दिए हैं:

2. आयोग के निर्देशों के प्रत्युत्तर में, गुरुग्राम के उपायुक्त से दिनांक 27.12.2024 की एक रिपोर्ट और दिनांक 19.12.2024 की पुलिस रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें कहा गया है कि उक्त घटना में, जीएफओ रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक की लापरवाही के कारण तीन लोगों की मृत्यु हो गई, क्योंकि उन्होंने विस्फोटक सामग्री को ऐसे स्थान पर रखा था जहाँ मानव जीवन को खतरा था।  इस मामले में थाना राजेंद्र पार्क, गुरुग्राम में मुकदमा संख्या 245 दिनांक 22.06.2024 को धारा 286/304ए/336/338/427 आईपीसी और धारा 3 (ए) विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। पुलिस ने गवाहों के बयान दर्ज किए और सामान जब्त कर लिया है। जीएफओ रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक, आरोपी संदीप कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
3. अगले निर्देश के अनुसरण में, उपायुक्त, गुरुग्राम ने उप श्रम आयुक्त, सर्कल-I, गुरुग्राम के साथ दिनांक 25.03.2025 को रिपोर्ट प्रस्तुत की। बताया गया है कि दावे श्रम न्यायालय में दायर किए गए हैं जो लंबित हैं। प्रबंधन कोई रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में विफल रहा है और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम और मजदूरी भुगतान अधिनियम के तहत सीजेएम कोर्ट में चालान दायर किया गया है।

4. आयोग ने रिपोर्ट पर विचार किया है।  पुलिस रिपोर्ट के अवलोकन से पता चलता है कि उचित जाँच के बाद सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि मृतक श्रमिकों के कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा श्रम न्यायालय में दावे दायर किए गए हैं।
5. अभिलेखों से स्पष्ट है कि दुर्भाग्यपूर्ण मौतें कारखाना परिसर में आग लगने की घटना के कारण हुईं। उक्त घटना एक अप्रत्याशित आपदा है और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ)/राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के दिशानिर्देशों के अनुसार आकस्मिक आग की श्रेणी में आती है। मृतक के आश्रित प्रथम दृष्टया एनडीआरएफ/एसडीआरएफ मानदंडों के तहत स्वीकार्य वित्तीय सहायता/राहत के हकदार हैं, साथ ही श्रम न्यायालय या अन्य मंचों में लंबित किसी भी वैधानिक या अन्य दावों के लिए भी पात्र हैं।

6. तदनुसार, मुख्य सचिव, सरकार।  हरियाणा सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह कानून के अनुसार एनडीआरएफ/एसडीआरएफ से राहत की मंजूरी और वितरण पर विचार करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के समक्ष फाइल प्रस्तुत करें और छह सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

2. अतः अनुरोध है कि आयोग द्वारा निर्देशित अतिरिक्त/पूर्ण रिपोर्ट, आयोग द्वारा आगे विचार हेतु 12/10/2025 तक भेजी जाए।