डायलिसिस सेंटर में पानी की व्यवस्था न होने पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने डीएम को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दिया निर्देश



चंदौली (यूपी)

 मुख्यालय स्थित पंडित कमला पति त्रिपाठी के परिसर में डायलिसिस सेंटर में पानी की व्यवस्था न होने से डायलिसिस के लिए मरीजों को एक से डेढ़ घंटे तक पानी आने का इंतजार करना पड़ता है। सेंटर में पानी की आपूर्ति जिला अस्पताल की टंकी से होती है। पंडित कमला पति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय में 10बेड का डायलिसिस सेंटर है। यहां पर प्रतिदिन 30 मरीजों का डायलिसिस होती है। 50 मरीज वेटिंग में रहते है। टंकी का पानी खत्म होने पर डायलिसिस का कार्य प्रभावित हो जाता है। वहीं यदि पानी की सेंटर में व्यवस्था हो जाए तो डायलिसिस के लिए मरीजों को इंतजार करना नहीं पड़ेगा।

डायलिसिस मरीजों को पानी न मिलना उनके मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।-राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

 जिला अस्पताल की इतनी बड़ी लापरवाही से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। 
मामले की गंभीरता को देखते हुए  मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने आयोग में शिकायत भेजकर पानी की उचित प्रबंध करने का अनुरोध किया था। 
आयोग ने दिनांक 11/06/2025 को मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993  के तहत भारत के सभी मनुष्यों के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन की जिम्मेदारी सौंपी है तथा पीएचआर अधिनियम 1993 की धारा के तहत जांच के लिए सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त है।
 आयोग ने कहा है कि डायलिसिस मरीजों को पानी न मिलना उनके मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।


जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जारी हुआ नोटिस

मानवाधिकार सी डब्लू ए द्वारा भेजी गई शिकायत को प्रियंका कानूनगो माननीय सदस्य की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की पीठ ने मामले में मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 12 के तहत संज्ञान लिया है। आयोग ने मामले को संज्ञान लेते हुए डीएम चंदौली एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी कर शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच कर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।