पति पत्नी के पूरे गांव के सामने उतरवाए कपड़े, NHRC ने पुलिस अधीक्षक जमुई बिहार से तलब की रिपोर्ट



जमुई (बिहार)

जमुई में एक ऐसी शर्मनाक खबर सामने आई जो इंसानियत को भी शर्मशार कर दी। ग्रामीणों ने एक पति पत्नी के कपड़े उतारकर अर्धनग्न अवस्था में पूरे गांव में घुमाया। इतना ही नहीं दोनों के चेहरे पर कालिख भी पोती गई और जूते चप्पल की माला भी पहनाई गई और उनके बाल भी काटे गए। दरअसल यह मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना झाझा थाना क्षेत्र के ताराकुस गांव की है। गांव की एक महिला ने अपने पति और बच्चे को छोड़कर प्रेमी के साथ भाग गई थी। 

मामल संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने प्रकरण की शिकायत आयोग में भेजकर दोषियों के ऊपर कठोरतम कार्यवाही करने एवं पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया था।

आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993के तहत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) भारत को देश में सभी मनुष्यों के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है और PHR अधिनियम 1993 की धारा के तहत जांच के लिए सिविल कोर्ट की शक्तियां प्राप्त है।
आयोग ने महिला को अर्धनग्न अवस्था में जूता चप्पल की माला पहनाकर बाल काटर मुंह में कालिख पोतकर पूरे गांव में ढोल बजाते हुए घुमाया गया जिस पर आयोग सख्त आदेश देते हुए दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है।

आयोग ने कहा है कि शिकायत में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया पीड़ित के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।

मामले को प्रियंका कानूनगो माननीय सदस्य की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की पीठ ने मामले में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 12 की तहत संज्ञान लिया है। पीठ ने नोटिस जारी कर पुलिस अधीक्षक जमुई बिहार से शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच करने और आयोग के अवलोकन के लिए दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।