एमएसपी उद्योग में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर क्रेन ऑपरेटर की जलकर हुई थी मौत, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के निर्देश पर मिला मुआवजा




मानवाधिकार सी डब्लू ए की शिकायत पर मिला मुआवजा

उद्योगों में मानकों की अनदेखी के कारण होती है मौत

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में ह्यूमन राइट सी डब्लू ए की शिकायत के बाद कंपनी के ऊपर हुई कार्यवाही

रायगढ़ (छत्तीसगढ़)

छत्तीसगढ़ में उद्योगों एवं खादानों में आए दिन मौतें हो रही है। जिसका कारण उद्योगों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी करना है। रायगढ़ जमगांव स्थित एमएसपी स्टील एंड पावर लिमिटेड में 27 अगस्त को एक भयंकर हादसे में क्रेन ऑपरेटर मोहम्मद कमरे आलम की दर्दनाक मौत हो गई थी। हादसा उस समय हुआ जब एसएमएस यूनिट में प्रोटेक्शन मेटेरियल को ट्राली में लोड कर रहा था। तभी ट्राली टूट गई और गर्म मेटेरियल ट्राली पर गिर गया। जिससे ट्रेन  में आग लग गई। जान बचने के लिए क्रेन चालक ने छलांग लगाई लेकिन वह गर्म राख में गिर गया जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई।


मामला संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग में शिकायत भरकर मृतक के परिवार को उचित मुआवजा प्रदान करने एवं दोषी कंपनी के अधिकारियों/ कर्मचारियों के ऊपर कठोरतम कार्यवाही करने का अनुरोध किया था।


आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 24/10/2024 को श्रम आयुक्त श्रम विभाग छत्तीसगढ़ सरकार रायपुर और एसएसपी रायगढ़ को आयोग ने आवश्यक कार्यवाही करते हुए चार सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

जवाब में श्रम आयुक्त सह मुख्य कारखाना निरीक्षक छत्तीसगढ़ रायपुर से दिनांक 20/11/2024 को रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें कहा गया कि घटना दिनांक 27/08/2024 को मेसर्स एमएसपी  स्टील एंड पावर लिमिटेड जामगांव रायगढ़ के परिसर में हुई, जिसमे श्रमिक क्रेन ऑपरेटर कमरे की मृत्यु हो गई। 


दिनांक, 28/08/2024 को कारखाना अधिनियम 1948 के तहत विभाग द्वारा जांच की गई और  दिनांक 29/08/2024 के आदेश के तहत लेडल ट्रांसफर ट्राली के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ फैक्ट्री एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 

फैक्ट्री के मालिक और मैनेजर के खिलाफ श्रम न्यायालय रायगढ़ में दिनांक ,05/11/2024 को मामला दर्ज किया गया। मुआवजे के संबंध में मृतक की पत्नी नूरजहां खातून को अनुष्ठान के लिए 20,000/ रुपए की तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान किया गया। फैक्ट्री के प्रबंधन ने मुआवजा के तौर पर 5,50,000/ रुपए नगद और 3,00,000/रुपए  ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से दिया गया। ईएसआईसी/ईपीएफओ नियमो के अनुसार पेंशन निर्धारित की जाएगी। मृतक के परिजन को कुल 8,70,000/ रुपए का मौद्रिक मुआवजा प्रदान किया गया है।


आयोग ने छत्तीसगढ़ सरकार रायपुर के श्रम विभाग के श्रम आयुक्त को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मृतक के पत्नी को ईएस आईसी/ ईपीएफ पेंशन निर्धारण पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर आयोग के शक्षम प्रस्तुत करे।

आयोग ने दिनांक 10/03/2025 तक मामले में पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

केस नंबर- 480/33/13/2024