छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर फैक्टरियों द्वारा व्यापक रूप से प्रदूषण फैलाया जा रहा है। फैक्ट्रियों से निकलने वाला जानलेवा प्रदूषण से लोगो का जीना मुश्किल हो गया है।
प्रदेश में 60 से अधिक स्पंज आयरन और सीमेंट फैक्ट्रियां बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैला रही है। जिसे सरकार ने भी स्वीकार किया है।
फैक्ट्रियों से निकलने वाले जानलेवा प्रदूषण से मानव जीवन ही प्रभावित नहीं हो रहा है बल्कि पशु पक्षी एवं बाग बगीचे भी प्रभावित हो रहे है। संबंधित विभाग द्वारा फैक्ट्रियों के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिससे फैक्ट्रियों की संख्या बढ़ रही है। मानक के विपरीत फैक्ट्रियां स्थापित हो रही है जिससे लोगो के लिए जानलेवा साबित हो रही है।
फैक्ट्रियों से निकलने वाले जानलेवा प्रदूषण से लोगो के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने प्रकरण की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भेजकर फैक्ट्रियों के ऊपर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाने का अनुरोध किया था।
आयोग ने दिनांक 02/12/2024 को मामले का संज्ञान में लेते हुए चीफ सेक्रेटरी छत्तीसगढ़ को निर्देश देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता/पीड़ित को शामिल करते हुए आठ सप्ताह के भीतर उचित कार्यवाही करते हुए मामले में की गई कार्यवाही से आयोग को अवगत कराए।