राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने चीफ सेक्रेटरी यूपी को जारी किया कारण बताओ नोटिस

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने चीफ सेक्रेटरी यूपी को जारी किया कारण बताओ नोटिस

गाजीपुर (यूपी)
 करंट से विद्यालय में मासूम की मौत   के मामले में मानवाधिकार सी डब्लू ए की शिकायत पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पूरा मामला नगर हाल्ट थाना क्षेत्र के ऊजराडीह कंपोजिट विद्यालय का है, जहां करंट से रागिनी  की मौत हो गई थी। रागिनी विद्यालय में स्थित हैंड पंप कर पानी पीने गई थी कि करंट प्रवाहित तार की चपेट में आ गई जिससे उसकी मौत हो गई थी।


प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली भेजकर मृतक के परिवार को उचित मुवावजा एवं दोषियों के ऊपर कठोरतम कार्यवाही करने का अनुरोध किया था।

कार्यवाही दिनांक 15.07.2024 के अनुसार आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट गाजीपुर, उत्तर प्रदेश को आरोपों की जांच करने आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने और चार सप्ताह के भीतर आयोग को कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।





योगेंद्र कुमार सिंह योगी आयोग को भेजी गई शिकायत में बताया है कि रागिनी नामक साढ़े चार वर्षीय छात्रा की उसके स्कूल परिसर में बिजली का करंट लगने से मृत्यु हो गई थी, जब वह पीने का पानी लेने के लिए हैंडपंप पर गई थी। शिकायत के अनुसार, बच्ची एक बिजली के तार के संपर्क में आ गई और बेहोश हो गई, बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया। वह तीन भाइयों में इकलौती बहन थी और उसके पिता परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। शिकायतकर्ता ने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आयोग से हस्तक्षेप करने और मृतक के परिवार को  उचित मुआवजे का अनुरोध किया है।


कार्यवाही दिनांक 15.07.2024 के अनुसार, आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश को आरोपों की जांच करने, आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने और चार सप्ताह के भीतर आयोग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

 दिनांक 17.09.2024 के अनुस्मारक के अनुसरण में, डीसी/डीएम, गाजीपुर से दिनांक 17.09.2024 की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। प्रस्तुत किया गया है कि मामले में तथ्यात्मक जांच डीईओ, गाजीपुर के माध्यम से की गई थी, जिन्होंने अपनी अंतिम रिपोर्ट दिनांक 30.07.2024 में पाया था कि घातक घटना दिनांक 06.07.2024 को 12:30 बजे कंपोजिट स्कूल, उजराडीह, रेवतीपुर, गाजीपुर के परिसर में हुई थी, जिसमें 05 वर्ष की एक नाबालिग लड़की, रागिनी पुत्री भोजा राजभर की करंट लगने से मृत्यु हो गई थी।

 पीड़ित लड़की स्कूल की छात्रा नहीं थी, बल्कि स्कूल परिसर में स्थित आंगनवाड़ी केंद्र के अन्य बच्चों के साथ आई थी। क्षतिग्रस्त तार से करंट निकलने के तथ्य की पुष्टि हुई है।  डिस्कॉम-3, जमनिया के ईई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह घटना स्कूल परिसर में और आंतरिक फिटिंग तार में हुई थी और इसमें बिजली विभाग की कोई लापरवाही नहीं है। जांच में प्रधानाध्यापक शेषनाथ सिंह, सहायक अध्यापक विनोद सिंह, शैलेंद्र राम और सुधीर कुमार की लापरवाही पाई गई और उन्हें निलंबित कर दिया गया। साथ ही शिक्षा मित्र शिवशंकर राय, श्रीमती शीला कुशवाहा की लापरवाही पाई गई और उनका पारिश्रमिक अगले आदेश तक जब्त कर लिया गया है। जांच में खंड शिक्षा अधिकारी रेवतीपुर की भी लापरवाही पाई गई जो स्कूल परिसर का ठीक से निरीक्षण करने में विफल रहे। उपरोक्त सभी दोषी लोक सेवकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति सरकार से की गई है। साथ ही, भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सीडीओ, गाजीपुर की अध्यक्षता में दिनांक 16.07.2024 को एक बैठक आयोजित की गई और तदनुसार 11 बिंदुओं पर निर्देश जारी किए गए

आयोग ने रिपोर्ट पर विचार किया है।

कम्पोजिट विद्यालय, उजराडीह, रेवतीपुर, गाजीपुर के परिसर में एक नाबालिग पीड़िता की विद्युत स्पर्शाघात से मृत्यु के तथ्य की पुष्टि अधिकारियों द्वारा की गई है। शिक्षकों और बीईओ, रेवतीपुर की ओर से लापरवाही पाई गई है और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। चूंकि यह घटना विद्यालय द्वारा आंतरिक फिटिंग से निकलने वाले करंट से हुई थी, इसलिए विद्युत विभाग ने अपनी लापरवाही से इनकार किया है और वह दोषी नहीं है। ये तथ्य होने के कारण, रिपोर्ट में पीड़िता के न.ओ.के. को दिए गए मुआवजे के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

आयोग का स्पष्ट मत है कि यदि शिक्षा विभाग के लोक सेवक अधिक सतर्क और सावधान होते, तो नाबालिग पीड़िता की विद्युत स्पर्शाघात से असामयिक मृत्यु को टाला जा सकता था। विद्यालय के कर्मचारियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही, जो कि डीसी/डीएम, गाजीपुर की रिपोर्ट के माध्यम से पहले ही स्थापित हो चुकी है, के कारण नाबालिग लड़की के जीवन के अधिकार का उल्लंघन हुआ है।  इसके मद्देनजर, आयोग रजिस्ट्री को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के खिलाफ पीएचआर अधिनियम, 1993 की धारा 18 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश देता है, ताकि वे कारण बता
एं कि आयोग को इस निर्देश के 06 सप्ताह के भीतर नाबालिग मृतक रागिनी पुत्री भोजा राजभर के एनओके के पक्ष में 5,00,000/- (केवल पांच लाख रुपये) के मौद्रिक मुआवजे की सिफारिश क्यों नहीं करनी चाहिए।

आयोग के समक्ष 06 सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत किया जाना चाहिए, ऐसा न करने पर आयोग रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री के आधार पर और पीएचआर, अधिनियम, 1993 के अनुसार आगे के निर्देश जारी करेगा।

केस नंबर- 13359/24/32/2024