महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने राजा शिशुपाल का सुदर्शन चक्र से वध कर दिया,

 


महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने राजा शिशुपाल का सुदर्शन चक्र से वध कर दिया, तो इस दौरान उनकी उंगली से खून बहने लगा। तब द्रौपदी ने अपने साड़ी से एक चीर फाड़कर भगवान श्रीकृष्ण उंगली में बांध दी। इस चीर के बदले में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को हर संकट से बचाने का वचन दिया। आगे चलकर अपने वचन का मान रखते भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के चीरहरण के समय उनकी रक्षा की।

भविष्य पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार, जब देव और असुरों के बीच युद्ध हुआ, तो यह कई दिनों तक चलता रहा। असुर, देवताओं पर भारी पड़ने लगे। तब राजा इन्द्र घबराकर ऋषि बृहस्पति के पास पहुंचें। इसपर बृहस्पति देव ने सुझाव दिया की इन्द्र को अपनी पत्नी इंद्राणी (शची) से मंत्रों की शक्ति द्वारा पवित्र एक रेशम का एक धागा बंधवाना चाहिए। इस रक्षासूत्र के चलते इंद्र की युद्ध में जीत हुई।