चंदौली (यूपी) नीति आयोग के आदेश पर जनपद में 71 परिषदीय विद्यालय में दिव्यांग शौचालयो की स्वीकृति दी गई थी। कार्यदाई संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम की उदासीनता की वजह से शौचालयों का निर्माण नहीं हो पाया है।
कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में टाईल्स, चहारदीवारी, शौचालय, पेयजल और बच्चों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था की जा रही है। वही नीति आयोग ने विद्यालयों में दिव्यांग बच्चो की सुविधा के हिसाब से अलग शौचालयो का निर्माण कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए जनपद में 71 विद्यालयों का चयन किया गया था।
दिव्यांग शौचालयो के निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई थी। एक शौचालय के निर्माण में 95 हजार रुपए खर्च किए जाना है। कार्यदाई संस्था की लापरवाही के चलते अभी तक शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका। मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी)के शिकायत पर आयोग ने जिलाधिकारी से आठ सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अयोग ने मानवाधिकार सी डब्लू ए की शिकायत पर दिनांक 22/08/2024 को सुनवाई करते हुए अपने निर्देश में कहा कि दिव्यांग शौचालय का निर्माण न कराना एक व्यथित करने वाली खबर है। हालांकि लापरवाही के कारण इस महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने में विफलता मिली है।
डीएम चंदौली से दिनांक 22/07/2024 को एक रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें बताया गया है कि 73 विद्यालयों में से 15 में काम पूरा हो गया है। 17 विद्यालयों में काम प्रगति पर है और 41 विद्यालयों में काम शुरू नहीं हुआ है। अयोग ने कहा कि यह प्रशासनिक व्यवस्था की उदासीनता और दिव्यांग छात्रों के प्रति सहानुभूति की कमी को दर्शाता है। अयोग दिव्यांग शौचालय के निर्माण की देरी पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जिलाधिकारी चंदौली उत्तर प्रदेश, निर्माण का व्यक्तिगत अनुवर्तन सुनिश्चित करे और काम पूरा करना सुनिश्चित करे और आठ सप्ताह के भीतर स्थित की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। आयोग ने पूर्ण रिपोर्ट 27/10/2024 तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
केस नंबर- 9161/24/19/2024