सर्प दंश पीड़ित के सामने काल बनकर आई बिहार पुलिस, मांगने लगी रिश्वत, इलाज में देरी से हुई मौत, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक कैमूर से मांगी रिपोर्ट



कैमूर (बिहार)
 पुलिस की अमानवीय व्यवहार के चलते एक बार फिर से  मानवता  शर्मनाक हो गई। सर्प दंश से पीड़ित एक किसान इलाज के लिए गिड़गिड़ाता रहा मगर पुलिस के द्वारा पैसा वसूली के चक्कर में दो घंटे तक पास वाहन में बैठा कर घूमती रही।और उसको छोड़ने के लिए एक हजार रुपए की मांग की और आपात स्थिति के बारे में जानने के बाद भी मदद करने से इनकार कर दिया। पीड़ित को पुलिस ने दो घंटे से ज्यादा समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ती गई, जब पुलिस पीड़ित को पैसे लेने के लिए उसके घर ले गई और पैसा नहीं मिला तो वे उन्हें फिर से ले गई। 

पीड़ित के भाई ने घटना स्थल पर पहुंच कर 700/- रुपए देकर उसकी रिहाई सुनिश्चित की। पैसा वसूली के बाद सर्प दंश व्यक्ति को छोड़ा गया। चिकित्सा में देरी होने के कारण युवक की स्थित बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसको मौत हो गई। मृतक राम लखन बिंद निवियाटाड का रहने वाला था।

घटना की शिकायत मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने आयोग में शिकायत भेजकर मृतक के परिवार को उचित मुआवजा एवं दोषी पुलिस कर्मियों के ऊपर कठोरतम कार्यवाही करने का अनुरोध किया था।

आयोग ने दिनांक 31/07/2025 को मामले पर सुनवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक कैमूर बिहार से चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।