अवैध ईंट भट्ठा बना गले की फांस, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने डीएम शक्ति को किया तलब
शक्ति (छत्तीसगढ़) जनपद में दर्जनों ईंट भट्ठे अवैध रूप से संचालित किए जा रहे है। ईंट भट्ठे वायु प्रदूषण के साथ- साथ ही नदियों के पानी को भी दूषित कर रहे है।
शिकायत के बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही न किया जाना डीएम की गले की फांस बन गई है। शक्ति जिले में लाल ईंट का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। खनिज विभाग की नाकामी की वजह से कारोबारी नदी को भी नही बक्श रहे है। ईंट भट्ठा मालिकों द्वारा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए धड़ल्ले से भट्ठा का संचालन किया जा रहा है। जिससे लोगो के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो गया है।
बता दे की जिले के हरदी, सिरली और मंद्राघोडी क्षेत्र में दर्जन भर ईंट भट्ठा संचालित हो रहे है। जहा हर साल पचास लाख से ज्यादा ईंट बनाई जाती है। एक तरफ जहां अवैध ईंट भट्ठों से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। वही शासन को भारी भरकम राजस्व की क्षति भी हो रही है। ईंट भट्ठा संचालकों ने नदी को नुकसान पहुंचाने के साथ ही करोड़ो की लगत से बने पुल को भारी भरकम वाहन से क्षतिग्रस्त कर
दिया है।
मामला संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने प्रकरण की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भेजकर अवैध ईंट भट्ठों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने एवं संचालकों के ऊपर कठोरतम कार्यवाही करने के लिए अनुरोध किया था। अयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए डीएम शक्ति को अंतिम रिमाइंडर जारी कर रिपोर्ट तलब किया। बावजूद कोई रिपोर्ट प्राप्त नही हुई।
अयोग ने जिलाधिकारी के गैर जिम्मेदराना रवैए पर सख्त कदम उठाते हुए सशर्त सम्मन जारी करते हुए दिनांक 25/10/2024 को व्यक्तिगत रूप से साक्ष्य के साथ उपस्थित होने का सख्त निर्देश दिया है। अयोग ने यह भी कहा है कि यदि रिपोर्ट नियत तिथि को या उससे पहले प्राप्त होती है तो सशर्त सम्मन में समाप्त माना जाएगा।